कसक तेरी यादों की
कसक तेरी यादों की इस कदर समाई है!
ना चाहते हुए भी तेरी याद बहुत आई है!!
रोकती रही आँखों को पलकों से छलकें ना!
पर छुपा के दर्द ये आँखें बहुत घबराई है!!
धड़कन बढ़ती हैै आज भी तेरे नाम से !
दिल में इस कदर तेरी मोहब्बत छाई है!!
हर रात मेरे अश्क तकिये को चूमते है!
तेरी जुदाई ने मेरी ऐसी हालत बनाई है!!
कर दिया आजाद तुझे अपनों की ही खातिर!
फिर भी तेरी ही मोहब्बत दुनिया को बताई है!!
वाहहहह लाजवाब
ReplyDeleteपढ़कर यूं लगा जैसे मेरे जज़्बात लिखा तुमने...
Thanks..Mr.Samar
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