Best love poetry। Mohabbat likh rahi hu

 



दिल की मैं अपनी हसरत लिख रही हूं।
तुझ से हुई शिद्दत से वो मोहब्बत लिख रही हूं।। 

जिसे मैं कर न सकी कभी लब से बयां।
कलम से मैं अपनी वो चाहत लिख रही हूं।। 

मिलता है सुकून जो तेरे पास रहकर।
स्याही में लपेटकर वो राहत लिख रही हूं।। 

साथ रहकर करते रहे जो नजाकत हम तुम
यादों में समेट कर अपनी वो शरारत लिख रही हूं।। 

लिखने को तो लिख दूं हर एहसास को मैं।
पर तेरी ना छूटने वाली अपनी वो आदत लिख रही हूं।। 

रहो तुम जहां कही भी ओ मेरे हमदम।
तेरी खुशी के लिए खुदा से  मैं इबादत लिख रही हूं।।

******

No comments

Powered by Blogger.