Showing posts with label कविता. Show all posts
Showing posts with label कविता. Show all posts

यही है जिंदगी

November 26, 2017
जिंदगी कभी हंसा कर, कभी रुला कर गई। कुछ याद द‍िला कर तो कुुुछ भुला कर गई, कभी नींंद उड़ा कर तो कभी गहरी नींंद सुला कर गई। जिंदगी ...

कमाल की थी उसकी मोहब्बत

November 19, 2017
कमाल की थी उसकी मोहब्बत... दिल लगाया उसने दिल तोड़ने के लिए, हाथों को थामा उसने छोड़ने के लिए! कमाल की थी उसकी मोहब्बत... वादा किय...

Love lonely poetry। Mohabbat hai akelepan se

September 03, 2017
मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से , जहां खुद से खुद की मेरी बात होती है अपने आप से जहां मेरी मुलाकात हाेती है मोहब्बत है मुझे उस अकेलेपन से...
Powered by Blogger.